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20 अगस्त 2024, दिन मंगलवार
आचार्यकुलम् विश्व का
विशिष्ट शिक्षण संस्थान है,
जहाँ योग व अध्यात्म से प्राप्त संस्कारों से विद्यार्थी का
रूपांतरण किया जाता
है। - स्वामीजी महाराज
श्रावणी उपाकर्म मनुष्य
के श्रेष्ठ संस्कारों की आधारशिला है।
दीक्षाप्राप्त बटुकों सहित
हम सभी को
वेदोक्त श्रेष्ठ व्रतों
का सदैव पालन
करना चाहिए। - श्रद्धेय आचार्यश्री
परमपूज्य स्वामी रामदेवजी व परमश्रद्धेय आचार्यश्री बालकृष्णजी द्वारा स्थापित पतंजलि योगपीठ में
आचार्यकुलम् सहित सभी
शिक्षा प्रकल्पों के
700 विद्यार्थियों का आज
श्रावणी उपाकर्म व
वेदारंभ संस्कार वैदिक
रीति से संपन्न
हुआ।
इस सुअवसर पर
पतंजलि योगपीठ फेज.2
में स्थित ष्योग
भवनष् में 51 कुण्डीय महायज्ञ का आयोजन किया
गया। जिसमें परमश्रद्धेय आचार्यश्री की गरिमामयी उपस्थिति में सत्र
2024.25 में विविध कक्षाओं के नव प्रवेश
प्राप्त कुल 700 विद्यार्थियों का श्रावणी उपाकर्म व वेदारंभ संस्कार वैदिक रीति
से संपन्न हुआ।
मंत्रोच्चार के मध्य
आचार्यश्री ने प्रत्येक क्रियाविधि की सरल
व्याख्या करते हुए
कहा - “श्रावणी उपाकर्म मनुष्य के श्रेष्ठ संस्कारों की आधारशिला है। गुरु शरणागति में आज संस्कारित ब्रह्मचारियों का दूसरा
जन्म होता है
और वे द्विज
कहलाते हैं। यज्ञोपवीत असाधारण व अभिमंत्रित सूत्र है, जिसके
तीन तंतुओं में
क्रमशः ऋक्, यजु,
साम तथा ग्रंथि
में अथर्ववेद की
प्रतिष्ठा होती है।
दीक्षाप्राप्त बटुकों सहित
हम सभी को
वेदोक्त श्रेष्ठ व्रतों
का सदैव पालन
करना चाहिए।“
आचार्यश्री ने सभी
विद्यार्थियों को दिव्य
स्पर्श कर अपने
ब्रह्मचारियों के रूप
में अंगीकार किया।
विद्यार्थियों के अभिभावक भी इस शुभ
घड़ी के प्रत्यक्ष साक्षी बने तथा
अपने पाल्यों को
भिक्षा व शुभाशीष प्रदान किया।
दूरभाष से आशीर्वचन प्रदान करते हुए
परमपूज्य स्वामीजी महाराज
ने कहा - “ गुरु परब्रह्म का
साक्षात श्रीविग्रह है।
आचार्यकुलम् सहित पतंजलि
के सभी शिक्षा
प्रकल्प गुरु - शिष्य
परंपरा के पावन
अधिष्ठान हैं, जहाँ
योग व अध्यात्म से प्राप्त संस्कारों से विद्यार्थी का
रूपांतरण किया जाता
है।“
आचार्यकुलम् की उपाध्यक्षा आदरणीया डॉ0 ऋतंभरा
शास्त्री ‘बहनजी’ सहित
पूज्य स्वामी अर्जुनदेवजी व उप-प्राचार्य आदरणीय श्री तापस
कुमार बेराजी ने
विद्यार्थियों को अपने
करकमलों से भिक्षादान व सुमनवृष्टि कर
शुभाशीष प्रदान किया।
इस सुअवसर पर
सभी संन्यासीवृंद, आचार्य - कर्मचारीगण व विद्यार्थी उपस्थित रहे।