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Guru Purnima
प्रेम बड़ा अनमोल धन,
ज्ञान रतन की खान,
गुरु मिले सब मिल गया,
मिल गई रतन खदान॥
खोद-खोद गढ्ढे विविध,
कूप न एक बनाय,
गुरु चरणोदक सिंधु में,
मन भयो मीन समान॥
गुरु कोई व्यक्ति नहीं गुरु व्यक्तित्व है
- प. पू. स्वामी जी
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